MASHAALLEIN OR THE TUNGSTEN TORTURE

JO DIN KE UJAALE MAIN NA MILA,DIL DHONDHE AISE SAPNE KO,IS RAAT KI JAGMAG MAIN DOOBA- MAIN DHONDH RAHA HOON APNE KO...

Saturday, June 10, 2006

Tumse

लौट आया मैं बिना कुछ कहे
शब्द पड़ने लगे छोटे
दर्द बढ़ने लगा
कहे भी थे जो कभी सब हो गए अनकहे

रास्ता बढ़ता रहा
घर दूर होता रहा
साथ चल कर भी कही हम अजनबी से रहे

फैलता मैं गया जितना
तुम सिमटते गए उतना
दर्द कहीं ज़्यादा है, तुमने सहे

लौट आया मई बिना कुछ कहे

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सर्वेश्वर दयाल सक्सेना

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